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गोल्ड बुलियन के लिए भी जरूरी होगी हॉलमार्किंग, 2025 में आ सकता है फैसला

  • 9 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी के लिए भी अनिवार्य की जाएगी हॉलमार्किंग

नई दिल्ली। गोल्ड ज्वेलरी की हॉलमार्किंग के बाद अब केंद्र सरकार ने गोल्ड बुलियन (बार) की हॉलमार्किंग को भी अनिवार्य करने की तैयारी कर ली है। माना जा रहा है कि 2025 की शुरुआत में ही इस संबंध में अधिसूचना जारी की जा सकती है। इस अधिसूचना में गोल्ड बुलियन के साथ ही 9 कैरेट तक की गोल्ड ज्वेलरी के लिए भी हॉलमार्किंग को अनिवार्य करने का आदेश जारी किया जा सकता है।
अभी तक भारत में गोल्ड बार या तो बीआईएस रिफाइनरी में तैयार किया जाता है या फिर उनका इंपोर्ट किया जाता है। इन दोनों तरीकों से मार्केट में पहुंचने वाला गोल्ड बार सर्टिफाइड होता है और उसमें धोखाधड़ी की गुंजाइश नहीं होती है। इसके अलावा सर्राफा बाजार में रीसाइकिल्ड गोल्ड बार भी मिलते हैं। रीसाइकिल्ड गोल्ड बार को पुरानी ज्वेलरी से बनाया जाता है। इसके साथ ही कई बार बड़े गोल्ड बार की रीसाइकलिंग करके कम मात्रा के गोल्ड बार भी बनाए जाते हैं। रीसाइकिल्ड गोल्ड बार में धोखाधड़ी होने की आशंका होती है, क्योंकि इनका सर्टिफिकेशन नहीं होता है। यही वजह है कि केंद्र सरकार ने अब गोल्ड बुलियन की हॉलमार्किंग को अनिवार्य करने का मन बना लिया है। बताया जा रहा है कि पहले चरण में 100 ग्राम तक के गोल्ड बुलियन (बार) के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य की जाएगी। इसके बाद अगले 1 से 2 साल की अवधि में चरणबद्ध तरीके से 5 ग्राम तक के गोल्ड बुलियन के लिए इसे अनिवार्य कर दिया जाएगा।

इसके साथ ही 9 कैरेट गोल्ड से बने आभूषणों के लिए भी हॉल मार्किंग को अनिवार्य करने की तैयारी कर ली गई है। अभी तक 14 कैरेट गोल्ड से बनने वाले आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य है, लेकिन देश के ग्रामीण और कई पिछड़े इलाकों में 9 कैरेट की गोल्ड ज्वेलरी भी बेची जाती है। ऐसे में उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने अब 9 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी के लिए भी हानि हॉल मार्किंग को अनिवार्य करने का मन बना लिया है। जानकारों का कहना है कि सोने की कीमत में पिछले 2 साल की दौरान जोरदार तेजी आई है। ऐसी स्थिति में ग्राहकों को 14 कैरेट से नीचे स्तर की गोल्ड ज्वेलरी के लिए भी हॉलमार्किंग का विकल्प मिलना चाहिए, ताकि उनके साथ ठगी ना हो सके।

इस संबंध में इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता का कहना है कि गोल्ड बुलियन और 9 कैरेट तक की गोल्ड ज्वेलरी के लिए हॉलमार्किंग करने का फैसला करके केंद्र सरकार सही दिशा में काम कर रही है। इससे उपभोक्ता सोने की शुद्धता को लेकर निश्चित हो सकेंगे और उनके साथ धोखाधड़ी नहीं हो सकेगी। सुरेंद्र मेहता का दावा है कि इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन ने ही केंद्र सरकार के समक्ष गोल्ड बुलियन और 9 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे अब सरकार मंजूरी देने जा रही है।
साभार -हिस

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