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आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में हुआ खुलासा
भुवनेश्वर। ओडिशा में खाद्यान्न उत्पादन 2021-22 के 113.8 लाख मीट्रिक टन से 24.2 प्रतिशत बढ़कर 2022-23 में 141.4 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है। यह जानकारी यहां बुधवार को विधानसभा में पेश की आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में दी गयी है। बताया गया है कि ओडिशा देश का 5वां सबसे बड़ा चावल उत्पादक राज्य है, जिसकी 2021-22 तक भारत में कुल चावल उत्पादन में 7 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ओडिशा में विभिन्न फसलों की पैदावार राष्ट्रीय औसत से कम है। ओडिशा में चावल की पैदावार अखिल भारतीय स्तर से 19 प्रतिशत कम है, जबकि दालों के मामले में पैदावार में 61 प्रतिशत का अंतर है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए पैदावार बढ़ाने और दक्षता में सुधार करने की आवश्यकता है।
बाजरा उत्पादन 47.3 प्रतिशत बढ़ा
आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार के प्रोत्साहन के बाद ओडिशा वर्ष 2017-18 से ओडिशा बाजरा मिशन के तहत बाजरा की खेती और खपत को बढ़ावा दे रहा है।
इस कारण ओडिशा में बाजरा उत्पादन 2022-23 में 47.3 प्रतिशत बढ़ा है। ओडिशा बाजरा मिशन के कार्यान्वयन के बाद से राज्य में बाजरा उत्पादन 2017-18 और 2022-23 के बीच 121 प्रतिशत बढ़ा है।
कृषि ऋण 54717 करोड़ हुआ
बताया गया है कि राज्य में कृषि ऋण वितरण 2011-12 में 8520 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 54717 करोड़ रुपये हो गया है। ओडिशा में 2013-14 से 2022-23 के बीच सिंचाई क्षमता सृजन (आईपीसी) 50 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 69.2 लाख हेक्टेयर हो गई है।
मांस उत्पादन में बढ़ोतरी
आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, ओडिशा में पशुधन और मत्स्य उत्पादन में वृद्धि देखी गई है, जो खाद्य सुरक्षा और आर्थिक विकास दोनों में योगदान दे रही है। राज्य में मांस उत्पादन 2021-22 में 216.2 हजार मीट्रिक टन के मुकाबले 2022-23 में बढ़कर 226.9 हजार मीट्रिक टन हो गया है।
दूध उत्पादन भी बढ़ा
आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि ओडिशा में दूध उत्पादन 2021-22 में 24.0 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 2022-23 में 24.8 लाख लीटर मीट्रिक टन (एलएमटी) हो गया है।
प्रति व्यक्ति दूध और अंडे की उपलब्धता कम
हालांकि, राज्य में प्रति व्यक्ति दूध और अंडे की उपलब्धता अखिल भारतीय औसत से कम है। उत्पादन बढ़ाने और संगठित दूध क्षेत्र को बढ़ावा देने के माध्यम से दूध उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, राज्य में अंडे का उत्पादन और अंडे की उपलब्धता बढ़ाने के लिए वाणिज्यिक पोल्ट्री क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।