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केंद्र की जाहिर की मंशा, राज्यों को तय करनी होगी दर: वित्त मंत्री
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार की मंशा हमेशा से पेट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने की रही है। उन्होंने कहा कि अब राज्यों को एक साथ आकर इसकी दर तय करनी है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए यह बात कही। एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि पेट्रोल और डीजल जीएसटी के दायरे में आएं। यह अब राज्यों पर है कि वे इस बारे में मिलकर निर्णय लें।
उन्होंने प्रेस को सबोधित करते हुए आगे कहा कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल और डीजल पर जीएसटी कानून लागू करने का प्रावधान पहले ही कर दिया था। अब बस राज्यों को एक साथ आकर दर तय करने के लिए चर्चा करनी है। सीतारमण ने बताया कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को जीएसटी दर युक्तिकरण जीओएम का अध्यक्ष बनाया गया है।
सीतारमण के साथ बजट पूर्व परामर्श बैठक में राज्यों के वित्त मंत्री ने रखी विशेष मांग
केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को केंद्रीय बजट 2024-25 के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व परामर्श बैठक की। इस बैठक में राज्यों के वित्त मंत्रियों ने अपने-अपने राज्य की मांग के मद्देनेजर सीतारमण से विशेष मांग भी की।
वित्त मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में नई दिल्ली में बजट पूर्व परामर्श बैठक की। सीतारमण की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों से आगामी बजट को लेकर सुझाव मांगे गए। केंद्रीय वित्त मंत्री ने सभी प्रतिनिधियों को उनके इनपुट और सुझावों के लिए धन्यवाद दिया। सीतारमण ने उन्हें केंद्रीय बजट 2024-25 की तैयारी के दौरान केंद्र सरकार द्वारा उचित विचार करने का आश्वासन दिया।
मंत्रालय के मुताबिक निर्मला सीतारमण के साथ हुई इस बैठक में अधिकांश राज्यों के वित्त मंत्रियों ने केंद्र सरकार की ‘पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना’ की सराहना की। वहीं, कई वित्त मंत्रियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री से इस योजना में और सुधार के लिए कुछ सुझाव भी दिए। बैठक में राज्यों के वित्त मंत्रियों ने अपने अपने राज्य की मांग को ध्यान रखते हुए विशेष डिमांड भी की। राज्यों के वित्त मंत्रियों ने राज्यों के विकास को और तेज करने के लिए बजट के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी कई सुझाव भी दिए।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि वित्त सचिव ने बजट पूर्व परामर्श बैठक में सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। प्रतिभागियों ने वित्त वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में शामिल करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री को कई मूल्यवान सुझाव दिए, साथ ही कुछ राज्य-विशिष्ट अनुरोध भी किए। बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, गोवा, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम के मुख्यमंत्री, बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री, राज्य वित्त मंत्री और अन्य मंत्री तथा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (विधानसभा सहित) और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
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