गांधीनगर/अहमदाबाद, केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने महात्मा मंदिर में “राष्ट्र निर्माण में केंद्रीय सार्वजनिक उद्यम सीपीएसई का योगदान” विषय पर तीन दिवसीय प्रदर्शनी का गुरुवार को उद्घाटन किया। प्रदर्शनी का आयोजन केंद्रीय सार्वजनिक उद्यम विभाग के तत्वावधान में देशभर में मनाए जा रहे स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में किया गया है।
सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक उद्यमों ने राष्ट्र के बहुमुखी विकास में अमूल्य योगदान दिया है। यह प्रदर्शनी पिछले 75 वर्षों में राष्ट्र के विकास की सेवा करने वाले सार्वजनिक उद्यमों की प्रगति को दिखाने के लिए आयोजित की गयी है। ये 75 सप्ताह स्वतंत्रता के अमृत पर्व के लिए सही समय है। इसमें सभी संगठनों को देश के विकास में अपना योगदान दिखाने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक उद्यमों की यात्रा 1947 से शुरू हुई और आज तक यह भारतीय अर्थव्यवस्था के उत्थान में लगातार योगदान दे रही हैं। वैश्वीकरण, उदारीकरण और निजीकरण के परिणामस्वरूप देश के उद्यमियों को राष्ट्र निर्माण में योगदान करने का एक उत्कृष्ट अवसर मिला। गुजरात उद्यमियों और उपक्रमों की भूमि है जो भारत की विशेषता थी।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 के बजट ने प्रमुख क्षेत्रों में सार्वजनिक उद्यमों के विस्तार, विस्तार, विविधीकरण निवेश के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान किए हैं। इसलिए आज सार्वजनिक उद्यम निजी क्षेत्र के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं और वैश्विक प्रतिष्ठा प्राप्त कर रहे हैं। हमें विकास के नए क्षेत्रों को देखने, दक्षता बढ़ाने की जरूरत है, जहां हम वेब 3, औद्योगिक क्रांति 4.0, डीप डेटा, डीप टेक्नोलॉजी से लाभ उठा सकते हैं।
इस दौरान 9 से 12 जून तक देशभर में आइकोनिक सप्ताह के उत्सव के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित प्रदर्शनी के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत के लिए सीपीएसई की भूमिका पर सम्मेलन का उद्घाटन भी किया गया। सम्मेलन में इच्छुक जिला-आकांक्षी जिलों पर विशेष ध्यान देने के साथ सीएसआर मुद्दों पर एक कार्यशाला-चर्चा श्रृंखला की सुविधा होगी। इतना ही नहीं, विभिन्न सीपीएसई के सीईओ को एमएसई से खरीद और सीपीएसई की वार्षिक ऑडिट प्रणाली जैसे मुद्दों पर एक साझा मंच के माध्यम से विचारों का आदान-प्रदान करना है। मुख्यमंत्री पटेल ने कार्यक्रम के लिए गांधीनगर का चयन करने को लेकर केंद्रीय वित्तमंत्री और केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह कार्यक्रम देश के सार्वजनिक उद्यमों-सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को देश की प्रगति और विकास के लिए संयुक्त कदम उठाने के लिए प्रेरित करेगा।
कार्यक्रम में केंद्र सरकार के सार्वजनिक उद्यम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और सात केंद्रीय सार्वजनिक उद्यम संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
साभार-हिस
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