आजादी से पहले वायसराय हाउस के रुप में दिल्ली की रायसीना पहाड़ी पर निर्मित हुआ भव्य भवन 26 जनवरी 1950 से राष्ट्रपति भवन के तौर पर जाना जाता है। लेकिन इसके तमाम कक्षों और हिस्सों के ब्रिटिश असर से मुक्त होने में सात दशक से भी अधिक का समय लग गया है। प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद से तमाम स्तरों पर भारतीयकरण की प्रक्रिया ने जोर पकड़ा, जिसका असर राष्ट्रपति भवन पर भी दिखा है। मोदी काल में राष्ट्रपति बने रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के तमाम हिस्सों के भारतीयकरण की जो शुरुआत की, उस पर आज अंतिम मुहर लग गई, जब मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दरबार हॉल को गणतंत्र मंडप का नया नाम दे दिया और अशोका हॉल को अशोक मंडप का। ब्रिटिश शासन काल के दौरान दरबार हॉल में वायसराय का दरबार लगता था, लेकिन अब यहां भारतीय गणतंत्र के तमाम अलंकरण और सम्मान दिये जाते हैं, इसलिए इसे गणतंत्र मंडप का नाम देना उपयुक्त ही है।
Home / BUSINESS / राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर राष्ट्रपति भवन के भारतीयकरण की प्रक्रिया भी हुई पूरी, मुर्मू ने दरबार हॉल को गणतंत्र मंडप का नया नाम दिया, अशोका हॉल हुआ अशोक मंडप!
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