इन पहाड़ी दर्रों में कई अंधे मोड़ हैं, जिससे ट्रकों की रफ्तार धीमी होने पर आतंकवादियों को फायदा मिलता है। कुछ ऐसा ही पैटर्न इस साल 9 जून को रियासी बस हमले में देखा गया था, जिसमें 9 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी। 4 मई को पुंछ में भारतीय वायु सेना के ट्रक पर इसी तरह का हमला हुआ था, जिसमें IAF के एक जवान की मौत हो गई, जबकि चार घायल हो गए थे
Check Also
आखिरी घंटे की खरीदारी से सुधरी शेयर बाजार की चाल, मजबूती के साथ बंद हुए सेंसेक्स और निफ्टी
नई दिल्ली। पूरे दिन दबाव में कारोबार करने के बाद घरेलू शेयर बाजार आज आखिरी …