भारत के पास ‘चीन प्लस वन’ रणनीति से लाभ उठाने के लिए दो विकल्प हैं। या तो वह चीन की आपूर्ति श्रृंखला में शामिल हो जाए या फिर चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा दे।