कंपनियां कई वजहों से डीलिस्टिंग यानी अपने स्टॉक्स को स्टॉक एक्सचेंजों से हटाने का फैसला लेती हैं। इसके लिए उन्हें सेबी के डीलिस्टिंग के नियमों का पालन करना पड़ता है। कंपनी के खुद को डीलिस्ट कराने से उसके शेयरधारकों के सामने अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो जाती है
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