Sat. Apr 19th, 2025

पुरी. गुंडिचा मंदिर के बाहर खड़े महाप्रभु श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के तीन रथों की दक्षिण मोड़ा नीति आज से शुरू हो गयी. सेवायतों ने सकाल धूप के बाद ‘अज्ञा माला’ लाया.

इस नीति के अनुसार, बहन सुभद्रा के रथ देवदलन को सबसे पहले दक्षिण की दिशा स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर की ओर घुमाया जाता है और इसे खींचकर गुंडिचा मंदिर के पूर्वी द्वार के पास खड़ा किया जाता है.

इसके बाद भगवान बलभद्र के तालध्वज और फिर महाप्रभु श्री जगन्नाथ के नंदीघोष रथ को मोड़कर अनुष्ठान पूरा किया जाएगा. यह नीति बहुड़ा यात्रा, यानि तीनों के घर वापसी की तैयारी है.

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