Sat. Apr 19th, 2025

भुवनेश्वर. राज्यपाल प्रो गणेशीलाल ने बजट सत्र के प्रारंभ में अपने अभिभाषण में कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ सेवा, खाद्य सुरक्षा, पर्यटन प्रशासनिक सुधार आदि क्षेत्र में काफी अच्छा काम किया है. आजीविका सृजन, संचार, शुद्ध पेयजल, बिजली, कृषि के लिए सिंचाई, स्वास्थ्य सेवा व शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाया जाएगा.

उन्होंने अपने अभिभाषण में कहा कि जल संरक्षण व जल व्यवहार बेहतर ढंग से करने के लिए आगामी 4-5 सालों में 11 हजार 7 सौ करोड़ रुपये के पूंजी निवेश में भूपृष्ठ व नदी जल का व्यापक संरक्षण के लिए राज्य सरकार कदम उठा रही है. इसी तरह ग्रीन क्लाइमेट फंड की सहभागिता में 1 हजार 98 करोड़ रुपये की राशि में 15 जिलों में 10 हजार छोटी सिंचाई परियोजना तथा सिंचाई टैंक के माध्यम में भूतल जल के स्तर में बढ़ोत्तरी की जाएगी.

उन्होंने कहा कि किसानों के लिए 79 हजार डिप बोरवेल तथा 109 मेगा लिफ्ट इरिगेशन परियोजनाओं का कार्यान्यन किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि एमएमएमई संस्थाओं को प्रोत्साहित करने के लिए इडको द्वारा 107 औद्यगिक क्षेत्रों के विकास के साथ-साथ पहले चरण में 10 औद्यगिक इलाकों का आधुनिकिकरण व विस्तार के लिए कदम उठाये गये हैं. राज्य सरकार पर्य़टन के विकास पर खासा ध्यान दे रही है. राज्य में पर्यटन अवसंरचना के विकास के लिए नयी नीति लाने के साथ-साथ प्रमुख पर्यटन स्थलों व उसके आस-पास के इलाकों में अव संरचना के विकास पर जोर दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि कोविद महामारी की स्थिति में ओडिशा विभिन्न क्षेत्रों में भारी पूंजी निवेश को आकर्षित करने में सफलता हासिल की है. उन्होंने कहा कि 1.20 लाख करोड़ रुपये के पूंजी निवेश के प्रस्तान को मंजूरी मिल चुकी है. ओडिशा पूर्वी भारत के प्रमुख उत्पादन केन्द्र के रुप में विकसित हो रहा है.

कोविद महामारी के दौरान इससे बाहर निकलने के लिए एमएसएमई उद्योग के लिए 289 करोड़ रुपये के विशेष सहायता पैकेज की घोषणा की गई है. इसमें 1.67 लाख उद्योगों को ब्याज मुक्त किया गया है.

उन्होंने कहा कि 2020-21 में राज्य सरकार ने 5504 किमी ग्रामीण सड़क बनाने में का लक्ष्य लेकर कार्य कर रही है. इसी तरह विभिन्न योजना में इस अवधि में 250 पुलों के निर्माण के कामको पूरा करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि राज्य में सभी को 24 घंटे बिजली प्रदान करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. लो वोलटेज समस्या के समाधान के लिए 33/11 केवी सबस्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है.

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