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नवीन पटनायक ने केंद्र की भाजपा सरकार पर परोक्ष हमला बोला
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देश का इतिहास तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश का आरोप लगाया
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पटनायक के बयान पर भाजपा ने दी तीखी प्रतिक्रिया
भुवनेश्वर। पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक की 28वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान ओडिशा की राजनीति में सियासी घमासान मच गया। बीजू जनता दल (बीजद) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अपने संबोधन में केंद्र की भाजपा सरकार पर परोक्ष हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि देश का इतिहास तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश की जा रही है। उनके इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे ‘राजनीतिक बयानबाजी’ करार दिया।
भुवनेश्वर में बीजद की ओर से आयोजित श्रद्धांजलि सभा में पार्टी कार्यकर्ताओं और मीडिया को संबोधित करते हुए नवीन पटनायक ने कहा कि कुछ लोग इतिहास को बदलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि इतिहास एक राष्ट्र के सामूहिक अनुभव का दर्पण होता है। इसे कोई अपनी सुविधा के अनुसार नहीं बदल सकता।
उन्होंने आगे कहा कि हमें ओडिशा के विकास और जनता की सेवा पर ध्यान देना चाहिए, न कि माटी के महान सपूतों को नीचा दिखाने की कोशिश करनी चाहिए। बीजू बाबू जैसे नेताओं की विरासत को मिटाना संभव नहीं है। वे जनमानस में बसे हुए हैं।
हालांकि, नवीन पटनायक ने अपने संबोधन में भाजपा या केंद्र सरकार का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके शब्दों को स्पष्ट रूप से एक राजनीतिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
ध्यान भटकाने की कोशिश – भाजपा
नवीन पटनायक के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ओडिशा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने इसे राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित बताते हुए खेद जताया। उन्होंने कहा कि आज का दिन बीजू बाबू को श्रद्धांजलि देने का है। ऐसे अवसर पर राजनीति करना शोभा नहीं देता, खासकर एक ऐसे नेता को, जिन्होंने इतने लंबे समय तक राज्य की सेवा की है। सामल ने यह भी सवाल उठाया कि क्या नवीन पटनायक वास्तव में इन बातों को स्वयं सोच रहे हैं या किसी अन्य के लिखे हुए भाषण को पढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि या तो उन्हें सही जानकारी नहीं दी जा रही, या फिर वे किसी और के लिखे हुए विचारों को प्रस्तुत कर रहे हैं। उन्हें अपने बयान पर पुनर्विचार करना चाहिए।
अंदरूनी कलह से गुजर रही है बीजद
यह पूरा विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब बीजद खुद अंदरूनी असंतोष और गुटबाजी से जूझ रही है। कुछ दिन पहले भुवनेश्वर के एक निजी होटल में बीजद के वरिष्ठ नेताओं के एक गुट की बैठक हुई थी, जिसे पार्टी की आधिकारिक गतिविधियों से अलग माना गया। इस बैठक को बीजद में नेतृत्व को लेकर असहमति के रूप में देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजू बाबू की पुण्यतिथि को लेकर इस तरह की बयानबाजी और प्रतिक्रियाएं और सियासी पारा को चढ़ाएगा।